कर्मचारियों के लिए ख़ुशख़बरी, Minimum Salary – 21000 तय!

Minimum Salary – 21000: Epfo द्वारा एक महत्वपूर्ण खबर सामने आ रही है। EPFO के तहत आने वाले सभी कर्मचारियों के न्यूनतम वेतन में वृद्धि के कयास लगाए जा रहे हैं । हालांकि इस बारे में अभी तक किसी प्रकार की आधिकारीक घोषणा नहीं की गई है परंतु उम्मीद की जा रही है कि आने वाले समय में कर्मचारियों के न्यूनतम वेतन में वृद्धि की जा सकती है जिससे कर्मचारियों की न्यूनतम सैलरी ₹15000 से बढ़कर 21000 रुपए हो सकती है।

Minimum Salary – न्यूनतम वेतन होगा 21,000

जैसा कि हमने आपको बताया केंद्र सरकार कर्मचारी भविष्य निधि संगठन अर्थात एंप्लॉयमेंट प्रोविडेंट फंड ऑर्गेनाइजेशन के अंतर्गत वेतन की सीमा को बढ़ा सकता है। इसके साथ ही कर्मचारियों की संख्या सीमा को घटाने के भी कयास लगाए जा रहे हैं। इसका एकमात्र उद्देश्य कर्मचारियों की सामाजिक सुरक्षा को मजबूत बनाना है और ज्यादा से ज्यादा सुविधाएं उपलब्ध कराना है जिसके अंतर्गत उम्मीद की जा रही है कि कर्मचारियों की वेतन सीमा को ₹15000 से 21000 तक बढ़ा दिया जाएगा।

कर्मचारियों के लिए ख़ुशख़बरी Minimum Salary 21000 तय

न्यूनतम एम्प्लॉई सीमा को कर दिया जाएगा 10-15

ईपीएफओ के अंतर्गत आने वाले सभी कर्मचारियों के वेतन में ₹6000 की बढ़ोतरी की जा सकती है । इसके अलावा ईपीएफओ में शामिल होने के लिए कंपनियों में अनिवार्य एम्पलाई सीमा को भी कम करने के कयास लगाए जा रहे हैं । कहा जा रहा है कि कंपनियों के लिए अब न्यूनतम एम्पलाई सीमा को भी से 20 घटाकर 10 से 15 कर्मचारी किया जा सकता है। इन सभी मुद्दों को लेकर कैबिनेट में चर्चा शुरू है और रोजगार मंत्रालय द्वारा प्रस्ताव भी पेश किया जा रहे हैं जिसके अंतर्गत उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही इस महत्वपूर्ण मामले में कोई ठोस फैसला लिया जाएगा । इसके साथ ही आने वाले समय में सोशल सिक्योरिटी कोड भी लागू किया जाने वाला है जिससे कर्मचारी के सुरक्षा को और ज्यादा मजबूत किया जाएगा।

प्रस्ताव को पारित करने के लिए समिति का गठन

देशभर में विभिन्न कंपनियों में कार्यरत कर्मचारियों के सामाजिक सुरक्षा और हित को देखते हुए केंद्रीय श्रम और रोजगार मंत्रालय द्वारा केंद्र सरकार और कैबिनेट में प्रस्ताव पेश किया जा रहे हैं जिसमें महत्वपूर्ण दो प्रस्ताव पेश किया जा चुके हैं। इन दो प्रस्ताव में पहला प्रस्ताव कर्मचारियों के न्यूनतम वेतन में इजाफा वही दूसरा प्रस्ताव कंपनियों के न्यूनतम एम्पलाई सीमा में कमी का बताया जा रहा है। यह दोनों प्रस्ताव कैबिनेट में पेश कर दिए जा चुके हैं। मजबूत सिफारिश के चलते उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही इन दोनों प्रस्तावों को संचालन समिति द्वारा लागू कर दिया जाएगा।

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2014 के बाद से अब होगा epf/eps संशोधन

पाठकों की जानकारी के लिए बता दे केंद्र सरकार द्वारा ईपीएफओ के तहत वेतन सीमा और एम्पलाई सीमा संशोधन काफी लंबे समय से पेंडिंग चल रहा है। पिछले संशोधन की बात करें तो अंतिम संशोधन वर्ष 2014 में हुआ था तब कर्मचारियों के न्यूनतम वेतन को 6500 से बढ़कर ₹15000 किया गया था । अब महंगाई दर को देखते हुए उम्मीद की जा रही है कि कर्मचारियों के वेतन को ₹21000 कर दिया जाना चाहिए जिससे कर्मचारियों को ज्यादा पेंशन प्राप्त होगी।

जैसा कि हमने आपको बताया न्यूनतम वेतन बढ़ाने के साथ-साथ सरकार अब सूक्ष्म और लघु कंपनियों के कर्मचारियों की सीमा को कम करने का निर्णय भी पारित करने वाली है जिसमें इससे पहले कम से कम 20 कर्मचारियों का होना अनिवार्य माना जाता था परंतु अब कैबिनेट में न्यूनतम एम्पलाई सीमा को 10 से 15 कर दिया जाएगा । अर्थात वे सभी कंपनियां जो 10 से 15 कर्मचारियों को लेकर अपना कार्य संचालित कर रही है वह भी अब अपने कर्मचारियों को ईपीएफओ का फायदा उपलब्ध करा सकेंगे।

किस प्रकार epf और eps होते हैं संचालित

जैसा कि हम सब जानते हैं EPFO के अंतर्गत कर्मचारियों और एम्पलाई दोनों को ही योगदान करना पड़ता है । दोनों ही अपने-अपने हिस्से का 12-12% का अंशदान करते हैं। ऐसे में एंप्लॉई के योगदान का पूरा 12% पीएफ अकाउंट में जाता है। वहीं कंपनी के योगदान में से 8.33 प्रतिशत कर्मचारी पेंशन योजना और बाकी 3.67 प्रतिशत पीएफ अकाउंट में ट्रांसफर किया जाता है । इसी क्रम में अब सरकार द्वारा वृद्धि की उम्मीद की जा रही है ताकि ज्यादा से ज्यादा कर्मचारियों को इस का लाभ उपलब्ध कराया जा सके और उन्हें ज्यादा वेतन दिया जा सके।

EPF वेतन सीमा में बढ़ोतरी के साथ-साथ EPS योगदान में भी बढ़ोतरी की जाएगी। फिलहाल वर्तमान में EPS खाते में 1250 रुपए का प्रतिमाह योगदान जमा किया जाता है ऐसे में यदि कर्मचारियों का वेतन बढ़ जाता है तो EPS की गणना भी ज्यादा हो जाएगी । क्योंकि EPS की गणना वेतन सीमा के आधार पर की जाती है ऐसे में EPF के साथ-साथ EPS में भी वृद्धि होने लगेगी । उदाहरण के लिए यदि वेतन सीमा को बढ़ाकर 21000 रुपए कर दिया जाता है तो EPS खाते में प्रतिवर्ष 1250 की जगह 1749 रुपए जमा किए जाएंगे ।

निष्कर्ष

यदि भविष्य में सरकार इस प्रस्ताव को पारित कर लागू करती है तो वेतन सीमा में बढ़ोतरी होने पर रिटायरमेंट पर पेंशन की राशि में भी बढ़ोतरी देखी जाएगी और कर्मचारियों को ज्यादा EPF और EPS मिलेगा जिससे कि कर्मचारियों को भविष्य में महंगाई से काफी हद तक राहत मिलेगी।

Sarkariiyojana

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