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CISCE Board Exams 2025-26 प्रणाली में हुआ बदलाव, नए मानदंड और पाठ्यक्रम में संशोधन

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CISCE Board Exams 2025-26

CISCE Board Exams 2025-26 Council For Indian School Certificate Examination की तरफ से एक महत्वपूर्ण सूचना सामने आ रही है । Council for the Indian School Certificate Examination ने 2027 तक CISCE पासिंग मानदंड को बदलने और पाठ्यक्रम में संशोधन हेतु नया निर्णय पारित कर दिया है । CISCE द्वा रा लिए गए यह महत्वपूर्ण निर्णय छात्रों के हित को देखते हुए प्रस्तावित किए गए हैं जिसके माध्यम से छात्रों पर से दबाव हटाने की कोशिश की जा रही है। इस संपूर्ण प्रस्ताव के अंतर्गत भारतीय विद्यालय प्रमाण पत्र परीक्षा परिषद CISCE ने 2027 से कक्षा 12वीं के लिए परीक्षा प्रणाली में बदलाव करने का भी फैसला ले लिया है।

जैसा कि हमने आपको बताया council for Indian school certificate examination द्वारा हाल ही में वर्ष 2026-2027 के अंतर्गत उत्तीर्ण मानदंड और पाठ्यक्रमों में संशोधन हेतु प्रस्ताव पारित किया गया है जिसके अंतर्गत जल्द ही नए विषयों की शुरुआत को सम्मिलित किया जाएगा।  वहीं ‘Passing Certificate’ प्रदान करना बंद कर दिया जाएगा।  इस महत्वपूर्ण निर्णय पर प्रेस विज्ञप्ति के दौरान CISCE के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉक्टर जोसेफ इमानुएल ने बताया कि अब आने वाले समय में 12वीं उत्तीर्ण करने वाले छात्रों को पासिंग सर्टिफिकेट नहीं दिया जाएगा।  अर्थात अब छात्रों के रिजल्ट पर पासिंग सर्टिफिकेट एलॉटेड PCA पासिंग सर्टिफिकेट नॉट एलॉटेड PCNA जैसे टर्म का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा बल्कि परिणाम पत्रों में योग्य/ अयोग्य QUALIFIED / DISQUALIFIED शब्द इस्तेमाल किए जाएंगे।

CISCE Board Exams 2025-26
CISCE Board Exams 2025-26

उत्तीर्ण अनुत्तीर्ण की जगह योग्य और अयोग्य शब्दावली का होगा प्रयोग

संगठन द्वारा लिए गए इस महत्वपूर्ण निर्णय की वजह से अब छात्रों को पास और अनुत्तीर्ण जैसे प्रेशर से दूर रखा जाएगा । जहां योग्य और अयोग्य शब्दों का इस्तेमाल कर छात्रों को परिणाम दस्तावेज प्रदान किए जाएंगे।  इन परिणाम दस्तावेजों के अंतर्गत पासिंग सर्टिफिकेट एलॉटेड वाले उम्मीदवारों को परिणाम दस्तावेज जैसे की अंक का विवरण और पास प्रमाण पत्र की जगह पास-प्रमाण-पत्र-कम-अंको-का-विवरण नाम से एक दस्तावेज दिया जाएगा ,अर्थात जहां पासिंग सर्टिफिकेट एलॉटेड के नतीजे वाले उम्मीदवारों को दो दस्तावेज दिए जाते थे उसे अब एक दस्तावेज में बदल दिया जाएगा।

वहीं वे अभ्यर्थी जो कक्षा 10 वीं और कक्षा 12वीं उत्तीर्ण नहीं कर पाते उन्हें पासिंग सर्टिफिकेट नॉट एलॉटेड की जगह आयोग्य परिणाम पत्र दिया जाएगा और उन्हें भी अंकों के विवरण के साथ एक ही दस्तावेज जारी किया जाएगा । ऐसे विद्यार्थी जो अनुत्तीर्ण होने के पश्चात पूरक परीक्षा दे  कर उत्तीर्ण हो जाते हैं उन्हें पुनः अंकों के विवरण के साथ परिणाम का दस्तावेज उपलब्ध करवाया जाएगा।

डुप्लीकेट दस्तावेजों को लेकर जरूरी नियम

 इस नए संशोधन के अंतर्गत CISCE संगठन ने बताया है कि अब अभ्यर्थियों को डुप्लीकेट दस्तावेज भी उपलब्ध कराए जाएंगे । ऐसे अभ्यर्थी जो परिणाम दस्तावेज या अंकों के विवरण हेतु डुप्लीकेट दस्तावेज प्राप्त करना चाहते हैं वह इन दस्तावेजों के लिए पुन आवेदन कर सकते हैं। इस पूरी प्रक्रिया के अंतर्गत छात्रों को डुप्लीकेट अंक का विवरण ,डुप्लीकेट उत्तीर्ण प्रमाण पत्र कम अंक विवरण और डुप्लीकेट अनु पूरक अंक विवरण उपलब्ध कराए जाएंगे।

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2026 पाठ्यक्रम में बदलाव

CISCE  के अंतर्गत कक्षा 12वीं की परीक्षा हेतु कुल 6 विषय में संशोधन का भी निर्णय लिया गया है जहां रसायन विज्ञान, जीव विज्ञान ,इतिहास ,राजनीति विज्ञान, मनोविज्ञान और कानूनी अध्ययन जैसे पाठ्यक्रमों में संशोधन किया जाएगा । आने वाले समय में छात्रों को CISCE परीक्षा उत्तीर्ण करने के लिए अब विद्यार्थियों को चार या अधिक विषयों की बजाय 5 या 6 विषयों को उत्तीर्ण करना आवश्यक होगा जिसमें अंग्रेजी /आधुनिक अंग्रेजी और SWPU  तथा सामुदायिक सेवा विषय अनिवार्य कर दिए गए हैं।

CISCE 2026 के अंतर्गत सभी उम्मीदवारों को अंग्रेजी ?आधुनिक अंग्रेजी विषय लेना अनिवार्य  होगा। वहीं चार या पांच वैकल्पिक विषय दिए जाएंगे जिनमें कुछ विषयों में संयोजन की अनुमति नहीं दी गई है जैसे की अंग्रेजी के साथ आधुनिक अंग्रेजी ,भौतिक इंजीनियरिंग के साथ विज्ञान, ज्यामितीय और यांत्रिक ड्राइंग ,ज्यामिति और भवन ड्राइंग ,गणित के साथ अनुप्रयुक्त गणित, रोबोटिक्स के साथ कृत्रिम बुद्धिमत्ता, अर्थात छात्र इन संयोजनों को नहीं चुन सकते ।

इस नए नियम के अंतर्गत अनुप्रयुक्त गणित केवल उन विद्यार्थियों के लिए उपयुक्त माना जाएगा जो मानवीकी /वाणिज्य /अर्थशास्त्र/  विज्ञान/ सामाजिक विज्ञान जैसे क्षेत्रों में कार्य बनाना चाहते हैं । वहीं गणित विषय उन अभ्यर्थियों के लिए उपलब्ध कराया जाएगा जो गणित /भौतिकी /रसायन विज्ञान/ इंजीनियरिंग/ वास्तुकला जैसे संबंधित क्षेत्रों को चुनते हैं।

पाठ्यक्रम में नए संशोधन

CISCE  में दोनो स्तर के पाठ्यक्रमों में संशोधन किया गया है और अब ICSE स्तर पर 5 नए विषय और ISC स्तर पर 1 नया विषय जोड़ दिया गया है । बता दे ICSE में परीक्षार्थी अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस ,रोबोटिक, अप्लाइड मैथमेटिक्स, मॉडर्न इंग्लिश और भूटिया भाषा में से विकल्प चुन सकते हैं।  वही ISC स्तर पर केवल भूटिया भाषा को जोड़ा गया है। ICSE स्तर पर 12 विषयों में संशोधन किया गया है वहीं CISCE स्तर पर 10 विषय में संशोधन किया गया है।

  • ICSE के 12 संशोधित विषय गणित, वैकल्पिक अंग्रेजी ,जीव विज्ञान ,वाणिज्य ,लेखाशास्त्र ,इतिहास ,राजनीतिक विज्ञान ,समाजशास्त्र ,मनोविज्ञान, रसायन विज्ञान ,भौतिक, कानूनी अध्ययन
  • ISC के  10 संशोधित विषय इतिहास और नागरिक शास्त्र ,भूगोल, रसायन विज्ञान, अर्थशास्त्र ,आर्थिक एवं प्रयोग ,वाणिज्यिक अध्ययन ,असमिया ,मराठी ,कर्नाटक संगीत ,रोबोटिक्स

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परीक्षाओं में सम्मिलित होने वाले विद्यार्थियों के लिए जरूरी दिशा निर्देश

  •  ISC और ICSE ने सभी विद्यार्थियों से अनुरोध किया है कि विषय चुनने से पहले अच्छी तरह सुनिश्चित करें और उसके पश्चात ही विषयों का चुनाव करें ।
  • इसके पश्चात अपने चुने गए विषय  के आधार पर ही किताबें और पाठ्य सामग्रियों की लिए आर्डर प्लेस करें।
  •  साथ ही साथ इन विषयों को पढ़ाने वाले शिक्षकों को भी इस बारे में सूचित करें ताकि अभ्यर्थी और शिक्षक मिलकर बेहतर पाठ्यक्रम की योजना तैयार कर सके और भविष्य की तैयारी और क्रियान्वयन पूरा कर सके।

इन नियमों से होने वाले बदलाव के लाभ

 काउंसिल आफ इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट एग्जामिनेशन के द्वारा बदले गए इन नियमों से निम्नलिखित लाभ छात्रों को देखने के लिए मिलेंगे

  • नए नियमों की वजह से अब परिणाम शब्दावली में क्वालिफाइड और नॉन क्वालिफाइड शब्दों का इस्तेमाल किया जाएगा ।
  • वहीं पास सर्टिफिकेट और मार्क्स स्टेटमेंट की जगह एक संयुक्त दस्तावेज दिया जाएगा ताकि छात्र परिणाम का आंकलन अच्छी तरह से कर पाएंगे ।
  • इसके अलावा डुप्लीकेट दस्तावेज प्राप्त करना अब पहले से ज्यादा आसान हो जाएगा।
  •  इस महत्त्वपूर्ण निर्णय की वजह से छात्रों को दस्तावेज प्राप्ति में अब असुविधा नहीं होगी ।
  • वहीं नए सिलेबस आने की वजह से छात्रों को नई शिक्षा नीति के आधार पर नवीनतम अनुप्रयोग सीखने के लिए मिलेंगे जिससे प्रतियोगी परीक्षाओं में छात्रों को मदद उपलब्ध कराई जाएगी।
  •  साथ ही उत्तीर्ण मानदंड में होने वाले बदलाव की वजह से अब चार विषयों की जगह 5 या विषयों में उत्तीर्ण  होना अनिवार्य कर दिया जाएगा जिससे छात्रों का शिक्षा स्तर और बेहतर हो जाएगा।

निष्कर्ष

कुल मिलाकर CISCE द्वारा 2027 से लागू किए जाने वाले इन महत्वपूर्ण बदलाव की वजह से छात्रों को शिक्षा प्रणाली को लेकर और ज्यादा क्लेरिटी आएगी और पारदर्शिता बनी रहेगी  वहीं नए पाठ्यक्रम की वजह से छात्रों के शिक्षा स्तर में भी उन्नति होगी।

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FAQ

 CISCE द्वारा परिणाम पत्र को किस प्रकार बदला जाएगा?

CISCE द्वारा परिणाम पत्र में PCA और PCNA  को क्वालिफाइड और नॉट क्वालिफाइड शब्दावली से बदला जाएगा।

CISCE के नए परिणाम दस्तावेज के अंतर्गत कौन से दो दस्तावेजों को विलय कर दिया गया है?

 CISCE ने परिणाम दस्तावेज और अंक दस्तावेज को विलय कर पास सर्टिफिकेट कम स्टेटमेंट ऑफ मार्क्स नाम के दस्तावेज की शुरुआत की है।

Cisce द्वारा 2027 में कितने विषय में पास होना अनिवार्य कर दिया गया है ?

CISCE  द्वारा चार विषयों की जगह अब पांच या छह विषयों में अनिवार्य उत्तीर्ण होना अनिवार्य कर दिया गया है जिसमें अंग्रेजी /मॉडर्न अंग्रेजी एक कंपलसरी भाषा होगी।

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